इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की बेंच इंदौर में भी शुरू हो इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव राज्य से दिल्ली भेजा जाएगा। बुधवार को ट्रिब्यूनल बनवाने की मुहीम के लिए जीएसटी एक्शन कमेटी दिनभर एक्शन में रही। एक ही दिन में कमेटी के सदस्य व पदाधिकारियों ने जीएसटी कमिश्नर लोकेश कुमार जाटव, सांसद शंकर लालवानी और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की। करीब 20 सदस्यों का दल के लगातार संपर्क का नतीजा रहा कि अब इंदौर के नाम का प्रस्ताव भेजने के लिए भोपाल में तैयारी शुरू हो गई है।
जीएसटी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल, महामंत्री अश्विन लखोटिया, उपाध्यक्ष योगेश मेहता, अजीतसिंह नारंग, गौतम कोठारी समेत तमाम सदस्य सुबह भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने निवास पर पहुंचे। विजयवर्गीय से कहा कि इंदौर से ट्रिब्यूनल छिने जाने का निर्णय कारोबारियों के साथ वकील, पेशेवरों की भी मुश्किल बढ़ाने वाला साबित होगा। पहले ट्रिब्यूनल इंदौर में ही खुलने वाला था लेकिन एन मौके पर इंदौर का नाम हटा दिया।
मौके पर ही विजयवर्गीय ने प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेंस को फोन लगाकर बात की। मुख्य सचिव से भाजपा महासचिव ने कहा कि जल्द से जल्द से इंदौर के लिए प्रस्ताव भेजा जाए। उसके बाद में आयुक्त लोकेशकुमार जाटव और सांसद शंकर लालवानी से भी कमेटी के सदस्य इसी मांग के साथ मिले। प्रतिनिधि मंडल में कमेटी संयोजक अमित दवे, एके गौर, कैलाश मूंगड़, रसनिधि गुप्ता, मोहम्मद पीठावाला, ईश्वर बाहेती, इसहाक चौधरी, नरेंद्र बाफना, संजय अग्रवाल समेत तमाम प्रमुख व्यापारी संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
ट्रिब्यूनल स्थापित करने की मांग जोर पकड़ने और एक्शन कमेटी के गठन और आंदोलन शुरू करने की घोषणा के बाद इस मुद्दे पर सरकार और विभाग भी गंभीर हो गया है। सूत्रों के अनुसार भोपाल से राज्य कर को निर्देश दिया है कि किस तरह इंदौर को संतुष्ट किया जाए, इसका रास्ता निकाला जाए। राज्य कर विभाग ट्रिब्यूनल ऐसे में अलग-अलग विकल्पों पर विचार कर रहा है। सुझाव दिया जा रहा है कि या तो इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल की बेंच बने या फिर भोपाल बेंच को दो हिस्सों में बांट कर आधे समय इंदौर में प्रकरण सुनने को निर्देशित हो। दिल्ली में जीएसटी काउंंसिल के अधिकारियों से चर्चा के बाद किसी एक पर सहमति बन सकती है। हालांकि उम्मीद है कि इंदौर को फुल बेंच ही मिल जाए।